नई दिल्ली: यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर बात करते हुए पुष्टि की है कि NEET UG 2025 का पैटर्न नया होगा। परीक्षा में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं, जिन्हे इस बार से लागू करने की योजना है। हलाकी, प्रधान ने यहां स्पष्ट किया है कि ये बदलाव ऐसा नहीं होगा, जो की छात्रो की परेशानियो का कारण बने।
बच्चों का मामला है
नीट के मुद्दे पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “जरा समझे, जेईई (JEE) एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा है, जिसमें लगभाग 15 लाख लोग भाग लेते हैं। लेकिन NEET UG में यहा नंबर 25 लाख तक पहुंच जाता है। जब इतने बड़े स्तर पर छात्र का सवाल हो, तो हम अचानक कोई ऐसा बदलाव नहीं कर सकते जो इन्हें झटका दे। बच्चों के मामले में हमे विशेष रूप से अलर्ट रहने की जरूरत है और इसी नजरिए से चीजों को समझना चाहिए।
NEET परीक्षा 2025 में क्या बदलेगा?
इस सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “राधाकृष्ण समिति ने जो सिफ़ारिश की है, और नीट की अभिभावक मंत्रालय, यानि स्वास्थ्य मंत्रालय, जो निर्णय लेगा, हम उसकी के अनुरूप कदम उठाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर काम कर रहा है, और जल्दी ही NEET UG के प्रारूप की तैयारी कर लिया जाएगा“।
एनटीए परीक्षा: यूपीएससी जैसी पारदर्शिता और पवित्रता की जरूरत
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ईटी राउंडटेबल में शामिल हुए। इस दोराहन उन्हें दूसरी बार गदबदियो करने की व्यवस्था की जनना चाहा, आने वाली परीक्षाओं में शामने आने वाली समस्याओं पर बात की जानी चाहिए। उनहोने कहा, एनटीए की परीक्षा में यूपीएससी जैसी पारदर्शिता और पवित्रता सुनीचित करने की जरूरत है। इसके लिए सभी राज्य की सरकार और जिला स्तर की सरकारी मशीनरी को शामिल करना जरूरी है, ताकि परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनीचित की जा सके।
क्यों बदला जा रहा है NEET का पैटर्न?
पिछले साल नीट परीक्षा में कोई समस्या के मामले सामने आए थे, जिस कारण यहां मुद्दा लंबे समय तक सुखिर्यो में रहा। दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले पर सुनवाई हुई। राजनीति दलो ने इसे अपने-अपने फ़ायदे के लिए इस्तमाल किया, लेकिन सबसे ज़्यादा नुक्सान इस मामले छात्रों को उठाना पड़ा। पेपर लीक, ग्रेस मार्क्स, डुप्लिकेट क्रेडिट, और परीक्षा सेंटर बिकने जैसे गंभीर मामले सामने आए। इनमे से कुछ अरोप के प्रमाण मिले। इसी के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया और नीट में जरूरी के सुझाव देने का आदेश दिया।
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